मुझे याद है कोई किस्सा ----- पुराना
क्योंकि यादों में बसता है गुजरा जमाना
कभी जिद पे रोना , कभी खिलखिलाना
सब पाके पल में ही सब भूल जाना
कभी बेबजह ------ यू तेरा मुस्कुराना
मुझे याद है कोई किस्सा ----- पुराना।।
कभी रास्तों पर गिरना , सम्भलना
कभी गलियों में इठला के चलना
गर्मी की धूपों में शामों शहर
होता था जहाँ पर तपन का कहर
पेड़ों की छावों में हम खेलते थे
कभी झगड़ा लड़ाई कभी रूठ जाना
कभी जिद पे रहना कभी मान जाना
मुझे याद है कोई किस्सा ----- पुराना।।
क्योंकि यादों में बसता है गुजरा जमाना
कभी जिद पे रोना , कभी खिलखिलाना
सब पाके पल में ही सब भूल जाना
कभी बेबजह ------ यू तेरा मुस्कुराना
मुझे याद है कोई किस्सा ----- पुराना।।
कभी रास्तों पर गिरना , सम्भलना
कभी गलियों में इठला के चलना
गर्मी की धूपों में शामों शहर
होता था जहाँ पर तपन का कहर
पेड़ों की छावों में हम खेलते थे
कभी झगड़ा लड़ाई कभी रूठ जाना
कभी जिद पे रहना कभी मान जाना
मुझे याद है कोई किस्सा ----- पुराना।।